पूर्व CM के करीबी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज: केके श्रीवास्तव को हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत, 15 करोड़ की ठगी का है मामला

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बिलासपुर/ कांग्रेस सरकार में खुद को मुख्यमंत्री का करीबी बताकर ठेकेदार को 500 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी की गई। अब आरोपी केके श्रीवास्तव को बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। उसकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। दिल्ली के रावत एसोशिएट के डायरेक्टर अर्जुन रावत ने रायपुर में शिकायत की है। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और सरकारी बिल्डिंग का निर्माण करती है। 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन उनको रायपुर लेकर आए थे।

उन्होंने उसकी मुलाकात बिलासपुर में रहने वाले केके श्रीवास्तव से कराई। केके श्रीवास्तव अनुरागीधाम के कर्ताधर्ता हैं। आरोप है कि, उन्होंने खुद को तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल का करीबी बताकर ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रुपए ले लिए। लेकिन, काम नहीं दिलाया।

पुलिस ने की है FIR, आरोपी की तलाश में की छापेमारी

रायपुर पुलिस ने शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज की है। जिसके बाद केके श्रीवास्तव के बिलासपुर स्थित मकान में छापेमारी की थी। टीम ने अज्ञेय नगर स्थित उनके घर पर छापा मारा, लेकिन श्रीवास्तव वहां मौजूद नहीं थे। बता दें कि, बीते तीन महीने में रायपुर पुलिस ने कई बार बिलासपुर के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन अभी तक दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है।

गिरफ्तारी से बचने ली हाईकोर्ट की शरण

केके श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन लगाया था। उनकी पैरवी करने वाले एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि, यह आपसी लेनदेन का मामला है। याचिकाकर्ता ने कोई धोखाधड़ी नहीं की है। लिहाजा, उन्हें अग्रिम जमानत दी जाए। वहीं, चीफ जस्टिस सिन्हा ने इसे गंभीर मामला बताते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

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