रायपुर में छत्तीसगढ़िया डेयर डेविल की फायर जंप:’नो योर आर्मी’ प्रदर्शनी में MI-17 हेलिकाप्टर ने दी सलामी; गोरखा रेजिमेंट ने दी डांस परफॉर्मेंस

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रायपुर/ रायपुर में सेना के जवान अपने करतब दिखा रहे हैं। एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर ने पहुंचकर सलामी दी। इसके बाद गोरखा रेजिमेंट ने डांस परफॉर्म किया। इससे पहले घुड़सवारों और डेयर डेविल टीम ने अपने करतब दिखाए। भारतीय सेना के नो योर आर्मी प्रदर्शनी का आज (सोमवार को) अंतिम दिन है। साइंस कॉलेज मैदान में 5 अक्टूबर को शुरू हुई इस प्रदर्शनी के समापन समारोह में राज्यपाल रामेन डेका पहुंचे हैं। सैनिकों ने यहां बाइक स्टंट, खुखरी डांस, कमांडो सर्जिकल स्ट्राइक जैसे चीजें मैदान में दिखाई हैं। टैंक T-90 को भी लोगों ने देखा। कमांडोज के इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार इजराइल और रशिया की गन्स भी दिखाई गई।

तस्वीरों में देखिए सेना के जाबांजों के करतब…

गोरखा रेजिमेंट के जवानों ने दिया डांस परफॉर्मेंस।

गोरखा रेजिमेंट के जवानों ने दिया डांस परफॉर्मेंस।

घुड़सवार जवानों ने दिखाए हैरान कर देने वाले करतब।

घुड़सवार जवानों ने दिखाए हैरान कर देने वाले करतब।

डेयर डेविल ने बाइक से दिखाए खतरनाक स्टंट।

डेयर डेविल ने बाइक से दिखाए खतरनाक स्टंट।

एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर पहुंचा और सलामी देते हुए आगे निकल गया।

एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर पहुंचा और सलामी देते हुए आगे निकल गया।

राज्यपाल रमन डेका कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान सेना के जवानों ने अपने इंस्ट्रूमेंट पर राष्ट्रगान की धुन बजाई।

राज्यपाल रमन डेका कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान सेना के जवानों ने अपने इंस्ट्रूमेंट पर राष्ट्रगान की धुन बजाई।

1965 की लड़ाई में इसी जीप में बैठकर परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान के टैंक बर्बाद कियाऔर इंडियन पोस्ट पर वापस तिरंगा लहराया।

1965 की लड़ाई में इसी जीप में बैठकर परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद ने पाकिस्तान के टैंक बर्बाद कियाऔर इंडियन पोस्ट पर वापस तिरंगा लहराया।

हवलदार अब्दुल हमीद ने अजेय कहे जाने वाले 8 पैटर्न टैंक को उड़ा दिया था

हवलदार अब्दुल हमीद ने 1965 की जंग में खेमकरण सेक्टर में अमेरिका के अजेय समझे जाने वाले एक-दो नहीं बल्कि 8 पैटर्न टैंक को आरसीएल गन से उड़ा दिया था। इसके बाद वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसके लिए मरणोपरांत सेना के सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र से उन्हें नवाजा गया।

अब्दुल हमीद का भर्ती सेंटर जबलपुर सेंट्रल था। उस वक्त उस जंग से जुड़ी सभी निशानियां जिसमें आरसीएल गन, टोपी, दूरबीन, गोले का बैग, यूनिफॉर्म के साथ ही साथ उनके हाथों लिखी चिट्ठियां आज भी जबलपुर सेंट्रल के म्यूजियम की शोभा बढ़ाती हैं। शहीद अब्दुल हमीद गाजीपुर के धामुपुर गांव में 1 जुलाई 1933 को जन्मे थे।

10 साल के प्रिंस की हाइट नहीं बढ़ी, लेकिन हौसला इतना बड़ा है कि अपने एक साथी के कंधे पर बैठकर हॉर्स राइडिंग करता है। वहीं दिनेश का एक हाथ पोलियो ग्रस्त है। उसके बावजूद वह घुड़सवारी करता है। दोनों बच्चे बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के रहने वाले हैं।

10 साल के प्रिंस की हाइट नहीं बढ़ी, लेकिन हौसला इतना बड़ा है कि अपने एक साथी के कंधे पर बैठकर हॉर्स राइडिंग करता है। वहीं दिनेश का एक हाथ पोलियो ग्रस्त है। उसके बावजूद वह घुड़सवारी करता है। दोनों बच्चे बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के रहने वाले हैं।

डेयर डेविल टीम, सेना के ये जवान जलते आग के गोले से बाइक निकालकर दिखाते हैं अपना शौर्य।

डेयर डेविल टीम, सेना के ये जवान जलते आग के गोले से बाइक निकालकर दिखाते हैं अपना शौर्य।

गुरखा रेजीमेंट के जवानों ने दिखाया खुखरी डांस।

गुरखा रेजीमेंट के जवानों ने दिखाया खुखरी डांस।

इससे पहले रविवार को भारतीय सैनिकों के पराक्रम को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। भारतीय सेना के भीष्म टी-90 टैंक लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। भीष्म टी-90 टैंक के साथ लोगों ने खूब फोटो खिंचवाए और आर्टिलरी समेत अन्य उपकरणों को करीब से देखकर काफी रोमांचित हुए।

डेयरडेविल्स का स्टंट।

डेयरडेविल्स का स्टंट।

सुबह से ही हर वर्ग के नागरिक डेयर डेविल्स के हैरत अंगेज करतब को देखने के लिए पहुंचे और डेयर विल्स के जवानों बाइक जैसे ही आग के पलटों के बीच से छलांग लगाई, वैसे ही दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों ने जवानों को अभिवादन किया और खूब तालियां बजाई। जवानों के सैन्य बैंड और देशभक्ति गीत ने दर्शकों में जोश भर दिया। डेयर डेविल्स के हैरत अंगेज करतब को लोगों ने खूब पसंद किया और सराहा।

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