क्रमोन्नत ज्ञापन आंदोलन की आगाज, बड़ी संख्या में शिक्षक जमा करेंगे आवेदन – शिव सारथी

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बिलासपुर/  टीचर्स राइट्स लीगल सेल के संस्थापक शिव सारथी ने प्रदेश एल बी संवर्ग के सभी शिक्षकों से अपील किया है की वे अगर क्रमोन्नत वेतनमान आंदोलन का हिस्सा बनना चाहतें हैं तो आज से ही ज्ञापन आंदोलन की शुरुवात कर देवें।
श्री शिव सारथी ने प्रेस नोट जारी करते हुए लिखा है कि प्रदेश के लाखों सहायक शिक्षक सहित शिक्षक और व्याख्याता जो की अपने प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना एवम् प्रथम नियुक्ति तिथि से समस्त देय लाभ के लिए संघर्षरत है उनको माननीय उच्च न्यायालय ने एक उम्मीद की आस दिखाया है।माननीय न्यायालय ने सोना साहू बनाम छत्तीसगढ़ राज्य के पिटिशन WA –261/2023 में निर्णित आदेश में माना है की प्रदेश के एलबी संवर्ग के शिक्षक नियमित शिक्षक के ही समान शिक्षा विभाग के कर्मचारी है फिर चाहे उनकी नियुक्ति पंचायत से ही क्यों न हुआ हो और वे भी सभी स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत समस्त सेवा लाभ के अधिकारी है और इसी के तहत एल बी संवर्ग के शिक्षकों को भी प्रथम 10 वर्ष में प्रथम क्रमोन्नत वेतनमान एवम् 20 वर्ष में द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान अर्थात उच्चतर वेतनमान पाने के हकदार हैं।
श्री शिव सारथी ने बताया की हमें सर्वप्रथम 2011 में दस साल की सेवा उपरांत तत्समय लागू पंचायत के वेतनमान 4500+150 जो की उस समय उच्च वर्ग शिक्षक का वेतनमान है दिया गया फिर उसे भूतलक्षी प्रभाव से बंद करके स्नातक आहर्ता धारी सहायक शिक्षक को 7 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर समयमान वेतनमान एवम् गैर स्नातक को 10 वर्ष में समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया इसी प्रकार उच्च वर्ग शिक्षक एवम् व्याख्याता की भी लाभ मिला। उसके बाद जब शिक्षक के समतुल्य वेतनमान देने की बारी आई तो शिक्षक के जिस पद पर कार्यरत थे का प्रारंभिक वेतनमान का पुनरीक्षित वेतनमान दे दिया गया जबकि सभी को तत्समय लागू समयमान वेतनमान का पुनरीक्षित वेतनमान दिया जाना था। यही विवाद का और एल बी संवर्ग के शिक्षकों के शोषण का कारण बना अब जबकि माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के डबल बेंच ने क्रमोन्नति को हमारा अनिवार्य अधिकार माना है हमारा भी दायित्व बनता है की हम सब शिक्षक साथी मिलाकर प्रथम कड़ी में क्रमोन्नत वेतनमान ज्ञापन आंदोलन को सफल बनाएं।
इसके लिए शिव सारथी ने तर्क दिया है कि हमें सोना साहू के केस से एक रास्ता मिल गया है हम कोर्ट जाने के पहले शासन से ही सीधा मांग करें अगर शासन प्रशासन द्वारा इनकार किया जाता है या यह कहा जाता हैं कि कोर्ट आदेश वाले ही पात्र होगा कोर्ट जाना ज्यादा फायदा दायक होगा।
अतः सभी साथी निर्धारित प्रारूप में आवेदन बना कर श्रीमती सोना साहू प्रकरण का हवाला देते हुए अपने पूर्व एवम् वर्तमान वेतन आहरण अधिकारी जनपद पंचायत एवम् विकासखंड शिक्षाधिकारी को अभ्यावेदन देकर उसकी पावती करा लेवें।
ध्यान रहे माननीय उच्च न्यायालय भी कहता है की पहले न्याय आप अपने न्योक्ता से मांगे नहीं मिलने पर उसके विरुद्ध न्यायालय आए सीधा न्यायालय जाने पर नियमानुसार समय सीमा में कार्यवाही करने का आदेश देकर केस डिस्पोज कर देता है इसलिए आवेदन आंदोलन में शामिल होकर सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग पर व्यापक दबाव बनाने का कार्य किया जाए तभी हमारा संघर्ष सफल होगा।

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