बच्चों की पढ़ाई का बोझ अगर सरकार नहीं उठा सकती तो इस सरकार से क्या उम्मीद रखी जाये ? – शैलेश

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बिलासपुर/ प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलीटेक्निक में वर्षों से कार्यरत अंशक़ालीन शिक्षको की रोज़ी रोटी पर बीजेपी सरकार ने बजट कुल्हाड़ी चला दिया है,जिससे उनकी नौकरी खतरे में पड़ गई है और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर भारी असर पड़ा है और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और उनके उज्ज्वल भविष्य में भी काली घटाएँ मंडराने लगी है और इसका प्रभाव हज़ारों शिक्षकों और लाखों छात्र छात्राओं पर पड़ रहा है।
अपने भविष्य की चिंता करने वाले मेहनती छात्र और छात्राएँ बड़ी मुश्किल से सरकारी कॉलेज में दाख़िला पाते है और अगर शिक्षकों की कमी से शैक्षणिक संस्थान जूझेंगे तो हम बेहतर शिक्षा कैसे दे पायेंगे।

बीजेपी की साय सरकार न जाने किसके इशारे पर काम कर रही है और सरकार को कौन सलाह दे रहा है और बजट नियंत्रण करना है तो फिज़ूल खर्ची से बचे सरकार न कि छात्र और छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करे।सरकार जबसे आयी है तबसे बिजली,गैस और अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं की दरे बढ़ादी है और सरकार आते ही कर्ज पे कर्ज लेती जा रही है और जनता को कर्ज में डुबाने का काम कर रही है और जहां जरुरी है वहाँ बजट नहीं दे पा रही है,शिक्षा को कभी भी बीजेपी सरकार ने महत्व नहीं दिया और उनके राज में स्कूल और कॉलेज हमेशा बंद ही हुए है।बच्चों की पढ़ाई का बोझ अगर सरकार नहीं उठा सकती है तो फिर इस सरकार से क्या उम्मीद रखी जाये ?

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