अमित शाह ने कहा: एक माह के भीतर बनेगी नई पॉलिसी दूसरे राज्यों के नक्सलियों को मिलेगा इसका लाभ
रायपुर/ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार की आत्म समर्पण नीति एक माह के भीतर जारी कर दी जाएगी। भास्कर ने उनसे पूछा कि क्या दूसरे राज्यों के नक्सली जो यहां आत्मसमर्पण करेंगे उन्हें इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा तो उन्होंने कहा कि जो भी नक्सली छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण करेगा उन्हें यहां की पॉलिसी का लाभ मिलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आत्मसमर्पण की नीति लचीली होनी चाहिए लेकिन इसका गलत उपयोग न हो, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद फैलाने वाले लोग इमोशनल तरीके से ट्राइबल भाइयों-बहनों और पूरे समुदाय को गलत रास्ते पर ले जाने का काम करते हैं।
छत्तीसगढ़ में 8 महीने में 147 माओवादी मारे गए, 631 ने किया आत्मसमर्पण
केन्द्रीय गृहमंत्री ने सीएम साय द्वारा वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध उठाए जा रहे कदमों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नियद नेल्लानार योजना को नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में विकास के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। इसके तहत 17 विभागों की 53 जनकल्याणकारी तथा 28 सामुदायिक योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने आठ महीने में 147 नक्सली मारे तथा 631 ने आत्मसमर्पण किया है। 33 सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए। जल्द ही 16 और कैंप खोले जाएंगे।
ये सब शामिल हुए बैठक में
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के साथ ही एनआईए, सीआरपीएफ, बीएसफ, एसएसबी, आईटीबीपी के महानिदेशक इस बैठक में शामिल हुए। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक बैठक में मौजूद थे।
नई सहकारिता नीति बना रही है सरकार
छत्तीसगढ़ सरकार केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता के संबंध में रविवार को एक आवश्यक बैठक रखी गई है जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे। साय सरकार जल्द ही नई सहकारिता नीति लाने जा रही है। इससे गांवों में सहकारिता को फिर से मजबूत किया जा सकेगा। दरअसल भास्कर ने पूछा था कि गांवों में सहकारिता को कैसे मजबूत करेंगे?
किताब का विमोचन
केंद्रीय गृहमंत्री नए भारत का नया कानून पुस्तक का विमोचन किया। यह 2023 के नए आपराधिक कानून’ का छत्तीसगढ़ की छह प्रमुख स्थानीय भाषाओं—हल्बी, गोंडी, भतरी, कुडुख, छत्तीसगढ़ी और हिंदी में रूपांतरित संस्करण है।