मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जल शक्ति अभियान के जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जल संरक्षण के प्रति बस्तर जिलावासियों को जागरुक करने के उद्देश्य से जल शक्ति अभियान के तहत गुरुवार को शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र परिसर जगदलपुर से जागरूकता वाहन को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिले के सभी गाँवों में पहुँचकर जल संरक्षण के उपायों की जानकारी देते हुए आम नागरिकों को जागरूक करेगा।

बस्तर जिले में जल संसाधान विभाग की 108 वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर जिसमे विभिन्न वृहद टैंक, स्टॉप डैम, एनिकट, मध्यम सिंचाई परियोजना शामिल है। जिले में 95 अमृत सरोवर बनाये जा रहे हैं जिसमें से 75 पूर्ण हो चुके हैं। इनके निर्माण में महिलाओं की सहभागिता प्राथमिकता में रही है। नारी शक्ति को शामिल करते हुए,जिले में मनरेगा अंतर्गत 3 हज़ार 881 जिओ-टैग्ड वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाये गए हैं, जिसमे से लोहण्डीगुडा ब्लाक में 695, दरभा में 1863, बास्तानार में 391, जगदलपुर में 402 बकावंड में 530, तोकापाल में 306 एवं बस्तर में 425 जल संरक्षण संरचनात्यें शामिल है । साथ ही जल संरक्षण कार्ययोजना रिपोर्ट के आधार पर कुल 1305 नवीन स्ट्रक्चर प्रस्तावित हैं। जिले में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 32 एकड़ क्षेत्रफल में सघन वृक्षारोपण किया गया हैं। जिले में ब्लाक प्लांटेशन तथा सड़क किनारे वृक्षारोपण में कुल 1287781 वृक्ष लगाए गए हैं।

जल जीवन मिशन अंतर्गत 2385 महिलाओं को पानी के परिक्षण के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिसका लाभ जिले के सुदूर क्षेत्रवासियों को मिल रहा है। चूंकि नारी का स्थान हमेशा से ही सर्वाेपरि रहा है जो अपने आवास के साथ-साथ पर्यावरण की भी संरक्षिका रही है। अतः श्नारी शक्ति से जल शक्ति सार्थक सिद्ध होता है। इसी तरह बस्तर जिले के कुल 433 ग्राम पंचायतों के 614 ग्रामों में 11979 हैण्ड पंप लगाए गए हैं जो पीने के पानी हेतु जीवन दायी सिद्ध हो रहा है साथ ही साथ 140 ग्राम पंचायत में नल से जल पहुँचाया जा रहा है। जिले में स्पॉट सोर्स अंतर्गत 130 ग्राम पंचायतों में 61 में सोलर तथा 69 में पॉवर पंप द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था की गई है।

बस्तर जिले विभिन्न एजेंसियों को शामिल करते हुए कुल 718 सोलर पॉवर पंप स्थापित किए गए हैं। जिले में जल जीवन मिशन किसी अमृत प्रदाय योजना से कम नहीं, इस योजनान्तर्गत जिले के कुल 614 ग्रामों में 630 योजना, 153049 एफएचटीसी, 543 ओएचटी, 992 सोलर पंप तथा 393 सोलर जल प्रदाय निर्मित हैं, घर में पेयजल की महत्ता परिवार की नारी से अधिक शायद किसी को भी न हो चूंकि वही है जो पानी के कमी पर बूंद-बूंद का संरक्षण स्वयं करती है अतः पेयजल हेतु भी श्नारी शक्ति से जल शक्ति उचित जान पड़ता है।

गौरतलब है कि जल शक्ति अभियान रू कैच द रेन  2022 अभियान की शुरुआत देश के माननीय राष्ट्रपति द्वारा 29 मार्च 2022 को वर्षा जल संचयन एवं जल संरक्षण,पारंपरिक और अन्य जल निकायों टैंकों/बावड़ियों बावलियों का नवीनीकरण,संरचनाओं का पुनः उपयोग और पुनर्भरण,वाटरशेड विकास,आईभूमियों का पुनरुद्वार और बाद-तटों की सुरक्षा,जलग्रहण क्षेत्र का संरक्षण स्प्रिंग-शेड विकास,सभी जल निकायों की गणना, जियो टैगिंग और सूची बनाना,वैज्ञानिक-जिला जल संरक्षण योजना का विकास,नदी नाली का पुनर्जीवन,सभी जिलों में जल शक्ति केंद्र की स्थापना इत्यादि उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु किया गया था।

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