अब रायपुर का स्काई-वॉक प्रोजेक्ट होगा पूरा: मंत्री अरुण साव बोले- जैसे पहले तय था वैसे होगा निर्माण, तात्यापारा सड़क चौड़ी करने कलेक्टर देंगे रिपोर्ट

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रायपुर/ रायपुर के अधूरे स्काईवॉक प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। इसे फिर से बनाया जाएगा। तात्यापारा की सड़क का भी चौड़ीकरण किया जाएगा। कलेक्टर 30 दिन में इसकी रिपोर्ट सरकार को देंगे। यह जानकारी सरकार की ओर से मंत्री अरुण साव ने विधानसभा में मीडिया से चर्चा के मंत्री अरुण साव ने कहा कि, स्काईवॉक के काम को कांग्रेस की सरकार ने रोक दिया था। पूर्व अनुमोदित किए गए प्रोजेक्ट तहत स्काई वॉक का काम करेंगे। जो पहले से तय था वैसे ही काम होगा। यह मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में तय किया गया है।

कलेक्टर की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

साव ने कहा कि, शारदा चौक से तात्यापारा तक चौड़ीकरण के लिए तय किया गया है कि कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। ये कमेटी मार्ग के चौड़ीकरण के लिए परीक्षण करेगी। कितनी जमीन का मुआवजा देना होगा, कितने हिस्से को चौड़ा किया जाएगा, 30 दिन में ये कमेटी रिपोर्ट देगी। जिसके बाद आगे का काम किया जाएगा। इस बैठक में लोकसभा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल विधायक, रायपुर के विधायक राजेश मूणत और मोतीलाल साहू भी शामिल थे।

7 साल से अटका है मामला

राजधानी के बीचो-बीच बने स्काई वॉक का निर्माण 7 सालों बाद पूरा होने वाला है। स्काई वॉक का काम साल 2016-17 रमन सिंह सरकार के समय शुरू किया गया था। इस दौरान राजेश मूणत पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। तत्कालीन रमन सिंह सराकर रायपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को और बेहतर करने, शास्त्री चौक से मेकाहारा अस्पताल तक राहगीरों को पैदल चलने की विकल्प के तौर पर इसका निर्माण करा रही थी।

इसके बाद कांग्रेस सराकर में आई और स्काई वॉक के निर्माण पर रोक लगा दी गई। इसमें कांग्रेस ने घोटाले का दावा किया है। हालांकि किसी पर कोई कार्रवाई कांग्रेस सरकार कर नहीं पाई थी।

19 साल पहले ​बना ​था पहला प्रस्ताव

तात्यापारा चौड़ीकरण का प्रस्ताव 2005-06 में महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में बना था। तब आमापारा से आजाद चौक और आजाद चौक से शारदा चौक तक चौड़ीकरण होना था। तीसरे फेज में तात्यापारा से शारदा चौक तक चौड़ीकरण होना था। इसकी प्रक्रिया शुरू होती, उससे पहले निगम में सत्ता बदल गई। तब से चौड़ीकरण लंबित है। पूर्व लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने सर्वे करवाकर 55 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा था।

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