लोक निर्माण विभाग में एक और कारनामा-निर्वाचन की आड़ में भी कमाई, बिना टेंडर लाइट व टेंट सौंप दिया काम
बिलासपुर। लोक निर्माण विभाग में एक और कारनामा सामने आया है। इस बार अधिकारियों ने निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण काम में भी कमाई का रास्ता ढूंढ लिए हैं। कोनी मतगणना स्थल पर लाइट और टेंट के काम के लिए निविदा जारी होनी थी, लेकिन अधिकारियों ने अपने चहेते फर्म को बिना टेंडर लाखों रुपये का काम सौंप दिया है। वहीं दूसरे जिलों में इस काम के लिए नियमानुसार टेंडर जारी हुआ है। निर्वाचन के कार्य को संपन्न कराने के लिए कोनी इंजीनियरिंग कालेज में स्ट्रांग रूम के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां लाइट और टेंट लगाए जा रहे हैं। आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन कार्यालय ने लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक एक को यहां लाइट और टेंट लगाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए बकायदा टेंडर जारी होना था, लेकिन अधिकारियों ने निविदा जारी न कर लाखों रुपये के काम को अपने चहेते फर्म को दे दिया। टेंडर लेने के प्रयास में जुटे लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे ईई अरविंद चौरसिया के पास पहुंचे। मामले को टालने के लिए उन्होंने इसकी सारी जवाबदारी स्थानीय निर्वाचन की होने की बात कह दी। इधर, निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि हमने लोक निर्माण विभाग को व्यवस्था सौंपी है।
अन्य जिलों में हुई है निविदा
प्रदेश के अन्य जिलों में निर्वाचन का काम हो रहा है। इसके लिए बकायदा टेंडर जारी किया गया है। कवर्धा में इस कार्य के लिए 27 अक्टूबर 2023 को निविदा जारी की गई है। बताया जा रहा है कि यहां 43 प्रतिशत बिलो में रेट आया है। वहीं बिलासपुर में अब नान एग्रीमेंट के तहत चहेते फर्म को लाखों रुपये भुगतान करने की तैयारी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत
इस गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद सिटी माल 36 के पास संचालित अग्रवाल टेंट हाउस के संचालक अभिषेक अग्रवाल ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की है। उन्होंने लिखित में कहा है कि लोक निर्माण विभाग की ओर से अपने चेहते फर्म को उपकृत करने के लिए बिना निविदा जारी किए काम सौंप दिया है। उन्होंने नियमानुसार टेंडर जारी कर काम देने की मांग की है।
लाइट और टेंट लगाने का काम स्थानीय निर्वाचन कार्यालय का है। हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है। जाहिर है ऐसे में भुगतान करने का सवाल ही नहीं उठता है।
संजय कोर्राम, चीफ इंजीनियर लोक निर्माण विभाग