आयुक्त ने शहर में दूध का व्यवसाय करने वाले डेयरी मालिकों के साथ ली बैठक
पशुपालक अपने मवेशी सड़को पर खुला न छोड़े:आयुक्त
दुर्ग. 13 सितंबर नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के निर्देश पर शहर में दूध का व्यवसाय करने वाले पशु मालिकों के साथ आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने डाटा सेंटर में बैठक लेकर पशु मालिको से कहा कि निगम के सड़को से पशुओं को हटाने की निरन्तर काम कर रही है।उन्होंने कहा कि डेयरी मालिको द्वारा सर्वे के दौरान पशुओ की संख्या सहित जानकारी दे।उन्होंने समझाइस दी कि अपने -अपने पशुओं को खटाल में बांधकर रखें।दोबारा पालतू पशु सड़क पर नजर आये तो खटाल मालिको पर 5 हज़ार रुपये का जुर्माना किया जाएगा।इसके बाद भी नही मानें तो पशु मालिको का रिपोर्ट बनाकर एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। दूध का बिजनेस करके व्यवसाय कर रहे हैं। मवेशियों को रखने की जगह नहीं है तो उन्हें सुबह शाम सड़क पर बेधड़क छोड़ दे रहे हैं।बैठक के दौरान पार्षद मीना सिंह,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम,स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली,अतिक्रमण अधिकारी दुर्गश गुप्ता, सहायक अतिक्रमण अधिकारी चंदन मनहरे के अलावा पशुमालिकों के साथ नगर निगम के अधिकारी, पार्षद तथा छोटे पशु डेयरी संचालक शामिल हुए।पशुपालकों के पशुओं का टैगिंग एक माह के भीतर किया जायेगा, बिना टैगिंग के मवेशी पाये जाने पर जब्ती की कार्रवाई की जायेगी। निगम आयुक्त ने पशुपालकों से कहा कि मवेशियों को सड़क पर आवारा न छोड़ें इससे होने वाले वाहन दुर्घटना से जन हानि और पशुधन की हानि होती है।आयुक्त लोकेश चंद्रकार ने पशुपालकों की बैठक में कहा कि राज्य शासन के निर्देश पर रोका छेका संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने सभी पशुपालकों की बैठक बुलाकर यह सुनिश्चित करने कहा है कि कोई भी पशुपालक अपने मवेशी को सड़क पर नहीं छोड़े,अपने पशुओं को चरवाहा के साथ सड़क किनारे चराने के लिए ले जाये।सड़क पर पशु रहने से दुर्घटनाओ की आशंका बनी रहती है।आयुक्त लोकेश चन्द्राकर ने सभी से अपील है कि शहर को स्वच्छ रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।उन्होंने सभी पशुमालिकों से आग्रह किया कि वे शहर को विकसित और सुंदर बनाने के लिए अपना योगदान दें।पशुओं का शहर पर प्रभाव सुबह और शाम को पशुपालक इन्हें दूध निकालने के लिए निर्धारित स्थान पर ले आते हैं तमाम मवेशी रात में छोड़ दिये जाते हैं जो शहर में विचरण करते हैं।गोबर से गंदगी फैलती रहती है पशुपालकों द्वारा गोबर नालियों में बहाये जाने से नालियां जाम हो जाती हैं और कई मोहल्लों में दुर्गन्ध से रहना मुश्किल हो जाता है।