कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता आज रद्द कर दी गई : केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे-मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने 2 साल की सुनाई थी सजा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता आज रद्द कर दी गई : केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे-मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने 2 साल की सुनाई थी सजा
भुवन वर्मा बिलासपुर 24 मार्च 2023
दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है। राहुल गांधी पहली बार 2004 में अमेठी से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 2009 और 2014 में भी अमेठी से जीते। 2019 का चुनाव वह अमेठी से हार गए थे, लेकिन केरल के वायनाड से जीत गए थे।
मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को अपने फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया था। इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था। इस बावत लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी किया है ।
अब आगे क्या, 3 अहम पॉइंट…
- लीगल एक्सपर्ट के मुताबिक, लोकसभा
सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड को खाली घोषित कर दिया है। इलेक्शन कमीशन अब इस सीट पर इलेक्शन का ऐलान कर सकता है। दिल्ली में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने को भी कहा जा सकता है। 2. अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊंची अदालतें भी बरकरार रखती हैं तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़
पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे। 3. राहुल गांधी अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने एक्शन की वैधानिकता पर भी ने सवाल उठाया है कि राष्ट्रपति ही चुनाव आयोग के साथ विमर्श कर किसी सांसद को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।
राहुल गांधी की टीम अब सूरत कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करने जा रही है। अगर सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को वहां स्वीकार नहीं किया जाता है तो सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल को अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है ।