सी वी रमन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं करेंगे राउत नाच का प्रदर्शन : राज्य युवा उत्सव रायपुर में
भुवन वर्मा, बिलासपुर 08 जनवरी 2020
बिलासपुर– राउत नाच छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का एक सशक्त उदाहरण है। यह एक ऐसा लोकोत्सव है जिसमें गांवों का सीधा-सादा जीवन प्रतिबिंबित होता है। इस नृत्य-कला को छत्तीसगढ़ के लोक जीवन की नैसर्गिक पहचान कहा जाता है। राजधानी में 12 जनवरी 2020 से शुरू होने जा रहे छत्तीसगढ़ राज्य युवा उत्सव में बिलासपुर की राउत नाच टोली अपने नृत्य कौशल और शौर्य का प्रदर्शन करेगी।
राउत नाच गौ-संवर्धन और पशु-पालन से जुड़े छत्तीसगढ़ के यादव समुदाय की पहचान है। पौराणिक मान्यता है कि जब गोकुल में राक्षसों का आक्रमण बढ़ने लगा तब गोकुलवासियों को अपनी रक्षा स्वयं करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अस्त्र-शस्त्र के स्थान पर डंडे से आत्मरक्षा के लिए खेल-खेल में गुर सिखाया। उसी समय से गोवर्धन पूजा के दूसरे दिन से राउत नाच किया जाता है। मिट्टी से जुड़े इस नृत्य और शौर्य प्रदर्शन को लेकर गांवों में खासा उत्साह रहता है।
बिलासपुर की सांस्कृतिक पहचान है राऊत नाच
राऊत नाच बिलासपुर की सांस्कृतिक पहचान है। राऊत नाचा महोत्सव के संयोजक डाॅ.कालीचरण यादव ने बताया कि जिले में राउत नाच का पर्व देवउठनी एकादशी से शुरू होकर लगभग 15 दिन चलता है। इस दौरान गांव-गांव में राउत नाच की टोलियां अपने नृत्य का कलात्मक प्रदर्शन करती हैं। शहर के गली-मोहल्ले भी इनसे अछूते नहीं रहते। इस पर्व का समापन अरपा नदी के किनारे शनिचरी बाजार क्षेत्र में आयोजित महोत्सव के साथ होता है, जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ की टोलियां शामिल होती है और इसका आनंद उठाने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं।
राउत नाच में युवतियां भी शामिल होंगी
राज्य युवा महोत्सव में बिलासपुर, कोटा के डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय के युवा छात्र-छात्राएं राउत नाच का प्रदर्शन करेंगें। पारम्परिक रूप से पुरुषों द्वारा यह नृत्य किया जाता है, लेकिन युवा उत्सव में राउत नाच का प्रदर्शन करने वाली टोली में आठ युवतियां भी शामिल हैं। युवक-युवतियों का उत्साह इस नृत्य के आकर्षण को और बढ़ायेगा।
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