बिलासपुर जोन ने रोक रखी है बस्तर को राजधानी से जोड़ने वाली एकमात्र ट्रेन

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बिलासपुर जोन ने रोक रखी है बस्तर को राजधानी से जोड़ने वाली एकमात्र ट्रेन

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जुलाई 2022

जगदलपुर । रेलवे जोन बिलासपुर को सबसे कमाऊ जोन माना जाता है, लेकिन यह जोन परिवहन के मामले में छत्तीसगढ के सबसे पिछड़े क्षेत्र बस्तर के साथ न्याय नहीं कर रहा है। जगदलपुर से दुर्ग के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को बिलासपुर जोन ने पूरे तीन साल छह महीने से रोक रखा है। इस मनमानी के कारण बस्तरवासियों को बड़ी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है इसलिए बस्तरवासियो में बिलासपुर जोन के प्रति काफी नाराजगी है और अब उसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले हैं।
दुर्ग से जगदलपुर के मध्य चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस 10 अक्टूबर 2012 को शुरु हुई थी। उन दिनों इस ट्रेन का जगदलपुर से छूटने का समय शाम चार बजे था। जिसे एक तरफा निर्णय लेते हुए दोपहर साढ़े बारह बजे कर दिया गया। यह ट्रेन दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर जगदलपुर से छूटकर सुबह चार बजे दुर्ग पहुंचती थी। यह यात्रा लगभग 16 घंटे की होती थी इसलिए इंटरसिटी का समय परिवर्तन कर इसे शाम सात बजे जगदलपुर से रवाना करने की मांग बस्तरवासियों ने ज़ोर शोर से उठाई थी, ताकि लंबी यात्रा रात में कट जाए और यात्री सुबह आठ – नौ बजे तक रायपुर पहुंच सके पर बिलासपुर जोन ने बस्तरवासियों की एक मात्र मांग को मानने के बदले इंटरसिटी का परिचालन ही बंद कर दिया है।
बताते चलें कि इंटरसिटी एक्सप्रेस कभी भी नियमित रूप से नहीं चली। कभी रायगढ़ ट्रेक पर मरम्मत तो कभी ओडिशा में नक्सली आन्दोलन के नाम पर इसके पहियों पर ब्रेक लगाया गया। हद तो तब हो गई, जब रायगढ़ा रूट की तरफ एक रेल पुल क्षतिग्रस्त होना, बता कर कई महीनों के लिए इस ट्रेन का संचलन बंद कर दिया गया। इस ट्रेन को कोरोना का हवाला देकर फरवरी 2019 से पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पूरे साढ़े तीन साल से यह ट्रेन जगदलपुर नहीं आई है। बस्तरवासी दुर्ग – जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को अभी भी समय परिर्वतन के साथ चलाने की मांग कर रहे हैं लेकिन बिलासपुर जोन अब दुर्ग में पीटी यार्ड निर्माण कार्य जारी बता कर इस ट्रेन को नहीं चला रही है।
क्यों जरूरी है इंटरसिटी एक्सप्रेस
जगदलपुर से दुर्ग के मध्य पन्द्रह से अधिक कंपनियों की बसें चलती है और लगभग सभी बसों में किराया अलग अलग है। जगदलपुर से रायपुर का किराया 600 लेकर 735 रूपये तक है। जबकि इंटरसिटी एक्सप्रेस में रायपुर का किराया एक स्लीपर का किराया मात्र 340 रूपये ही लिया जाता था। वहीं दिव्यांग और सीनियर सिटीजनों को विशेष दिया जाता था, जबकि बस वाले कोई रियायत नहीं देते ऊपर से एक स्लीपर में दो लोगो को जगह देकर 1500 रूपये वसूलते हैं। सरकारी आदेश के बाबजूद कोरोना काल में भी एक स्लीपर में दो लोगों को बिठा कर दुगुना किराया वसूला गया और अभी भी ऐसा ही कर रहे हैं। लोगों का तर्क है कि जगदलपुर से प्रतिदिन शाम पांच बजे से रात बारह बजे के मध्य रायपुर के लिए 50 से अधिक बसें छूटती हैं। इंटरसिटी एक्सप्रेस चलेगी तो रायपुर जाने वाली 50 में से, कम से कम दस बसों के चार सौ यात्री बस वालों की मनमानी से बचते हुए किफायती इंटरसिटी एक्सप्रेस से रायपुर जाना पसंद करेंगे। मतलब यह कि इस ट्रेन को रायपुर के लिए कम से कम 400 पैसेंजर रोज़ मिलेंगे और इंटरसिटी एक्सप्रेस घाटे में नहीं चलेगी। बस्तरवासियों का तो यहां तक कहना है कि दुर्ग – जगदलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को जगदलपुर और दुर्ग से प्रतिदिन शाम सात बजे रवाना किया जाए। दो – तीन महिना चलाकर देखे, अगर पैसेंजर नहीं मिले तो बिलासपुर जोन परिचालन बंद कर सकती है। रेलवे बस्तर जैसे आदिवासी अंचल की उपेक्षा नहीं कर सकती।

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