तृतीय दीक्षांत समारोह, अटल विश्वविद्यालय : आचार, विचार, संस्कार एवं मानवीय संवेदना से ही जीवन होता है उत्कृष्ट , समाज की निधि को समाज को वापस करने का भाव आत्मसात करें दीक्षित विधार्थी- एयू कुलाधिपति राज्यपाल सुश्री अनुसुईया

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तृतीय दीक्षांत समारोह, अटल विश्वविद्यालय : आचार, विचार, संस्कार एवं मानवीय संवेदना से ही जीवन होता है उत्कृष्ट , समाज की निधि को समाज को वापस करने का भाव आत्मसात करें दीक्षित विधार्थी- एयू कुलाधिपति राज्यपाल सुश्री अनुसुईया

भुवन वर्मा बिलासपुर 21 अप्रैल 2022

बिलासपुर । गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर का तृतीय दीक्षांत समारोह बी.आर. यादव, अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम, बहतराई, बिलासपुर में आयोजित हुआ। जिसमें 151 विश्वविद्यालय द्वारा, 51 दानदाताओं द्वारा और 01 संस्थागत रूप से स्वर्ण पदक शीर्ष स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को प्रदान किया गया। तृतीय दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ की माननीय राज्यपाल एवं विवि की कुलाधिपति श्रीमती अनुसुइया उइके ने किया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकैया नायडू ने अपना उद्बोधन वीडियो के माध्यम से दिया।


तृतीय दीक्षांत समारोह में बतौर अति विशिष्ट अतिथि संघ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पी.के. जोशी एवं छ ग के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल हुए। वही विशिष्ट अतिथि तौर पर लोरमी के विधायक एवं कार्यपरिषद् सदस्य धरमजीत सिंह, विधायक बिलासपुर शैलेष पाण्डेय, विधायक बेलतरा रजनीश सिंह शामिल हुए। समारोह में विश्वविद्यालय कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्यगण, प्राचार्यगण, अध्यापकवृंद, अधिकारी, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मुख्य रूप से उपस्थित हुए। दीक्षांत समारोह में लगभग एक हजार अतिथि सम्मिलित हुए ।
तृतीय दीक्षांत समारोह में अपने क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने के लिए सात महानुभावों को विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। जिसमें भीखाभाई एन पटेल, कुलाधिपति, एन.एस. पटेल ग्रुप आफ इंस्टिट्यूट, आनंद, गुजरात, डॉ. एन.एच. नाथवानी, सेवानिवृत्त, प्राध्यापक, अशोक मित्तल, कुलाधिपति, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर, सतीश जायसवाल, प्रख्यात साहित्यकार, बिलासपुर (छ.ग.) , श्री बोधराम कंवर, पूर्व विधायक, धरमजीत सिंह, माननीय विधायक, लोरमी, गौरी सिंह, पूर्व आईएएस, डिप्टी डायरेक्टर जनरल आईआरईएनए को मानद उपाधि प्रदान की गई।
समारोह में 27 दानदाताओं द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किया गया जिसमें स्व. श्रीमती चमेली देवी सेठ स्मृति, स्व. पति रघुनंद सिंह ठाकुर स्मृति, एल्डरमेन्स एसोशिएशन, बिलासपुर, स्व. श्रीमती सविता गुलाटी स्मृति, श्रीमती चारूमति बाई-पं.कपिलेश्वर प्रसाद तिवारी जी स्मृति, स्व. प्रो. आर.के. खन्ना स्मृति, श्रीमती विद्यावती कोहली स्मृति, स्व. डी.एन. शुक्ला (से.नि.प्राचार्य) स्मृति, स्व. श्री मदन किशोर श्रीवास्तव स्मृति, स्व. श्रीमती अनिता कुमार स्मृति, स्व. सेठ श्री गोपीराम अग्रवाल स्मृति, स्व. डॉ. राजनारायण दीक्षित एवं सुर्यकुमारी दीक्षित स्मृति, स्व. उमा गुप्ता, स्मृति, स्व. श्रीमती रामदुलारी वर्मा स्मृति, स्व. श्री नीलकंठ कमलेश एवं स्व. श्रीमती फूलबाई कमलेश स्मृति, स्व. शैल कुमारी अग्रवाल स्मृति, स्व. श्री धर्मप्रकाश टाह स्मृति, स्व. कु. नीतीकिरण श्रीवास्तव स्मृति, स्व. कमल कुमार देवांगन स्मृति, स्व. श्री जमुना प्रसाद वर्मा स्मृति, दी जयनारायण ट्रस्ट, कानपुर स्मृति, दी जयनारायण ट्रस्ट, कानपुर स्मृति, स्व. श्री ठाकुर प्रसाद अग्रवाल रतनपुर स्मृति, स्व. श्री कृष्णानंद वर्मा स्मृति, स्व. श्रीमती शांती वर्मा स्मृति, स्व. क्षमादेवी लखमीचंद जैन स्मृति, स्व. सईद अफजल अहमद रिजवी स्मृति द्वारा स्वर्ण पदक समारोह में प्रदान किया गया।
तृतीय दीक्षांत समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य श्री अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने विद्यार्थियों को जीवन मूल्य का पाठ पढ़ाया और कहा कि दीक्षित होना ही पढ़ाई का अंत नहीं है बल्कि यह कर्म क्षेत्र की शिक्षा ग्रहण करने का आरंभ है। उन्होने से समस्त विद्यार्थियों के भावी जीवन की मंगल कमाना की और देश समाज के लिए कार्य करने की नसीहत भी दी साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद भी किया। कार्यक्रम में अपना उद्बोधन देते हुए छग के उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री माननीय श्री उमेश पटेल जी ने विद्यार्थियो के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी एवम विश्व द्यालय के द्वारा किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों की सराहना की। लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. पी सी जोशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरुकुल शिक्षा में बालकों को गुरु, जीवन निर्वाह के लिए भिक्षा मांगने भेजते थे चाहे वह बालक राजा का हो या कृषक का सभी को भिक्षा मांगनी पड़ती थी इस कारण बालक को पता होता था कि उसकी पढाई में पूरे समाज का योगदान है जिससे वह जब अपने कर्मक्षेत्र में जाता था तो वह समाज के ऋण को चुकाने का प्रयास करता था आज गुरुकुल का स्वरूप विवि ने ले लिए है। आज पूरे समाज के द्वारा दिए गए कर के पैसे से विद्यार्थियों को संसाधन और पढाई का उपयुक्त माहौल मिलता है आप सभी विद्यार्थियों को यह बात अपने समाज जीवन में याद रखनी चाहिए।

तृतीय दीक्षांत समारोह में आभासी माध्यम से उपस्थित श्री एम वेंकैया नायडू माननीय उपराष्ट्रपति भारत सरकार ने विश्वविद्यालय के स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों व विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद किया जिनके नाम से यह विश्वविद्यालय स्थापित है उन्होंने उनकी प्रसिद्ध रचना ‘आओ फिर से दिया जलाएं’ से अपने वक्तव्य की शुरुआत की उन्होंने छ.ग. के लोककला व संस्कृति की सराहना करते हुए अपेक्षा की कि इस पर भविष्य में शोध प्रबंध के कार्य हो और छग कि लोक कलाओं और संस्कृति को एक वैश्विक पहचान मिले।

छग की राज्यपाल एवं विवि की कुलाधिपति सुश्री अनुसुइया उइके ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान सभी मानद उपाधि प्राप्त अतिथियों एवं स्वर्ण पदक प्राप्त समस्त छात्र-छात्राओं शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह समाज के प्रति जवाबदेह हो और वह समाज को कुछ देने के लिए हमेशा तत्पर रहे। विद्यार्थियों को भी देश और समाज के लिए कुछ करने के लिए उन्होंने प्रेरक पंक्तियों के माध्यम से प्रेरित भी किया साथ ही विश्वविद्यालय के समस्त कार्यों व उपलब्धियों की सराहना की एवं विवि के कुलपति आचार्य एडीएन वाजपेयी के कर्मठ व्यक्तित्व की सरहना करते हुए विश्वविद्यालय में हो रहे विशिष्ट कार्यों हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय को प्राप्त 12B उपाधि व कालेजों के नैक में ए ग्रेड की प्राप्ति हेतु कुलपति महोदय, कुलसचिव महोदय व समस्त विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों व समस्त कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
तृतीय दीक्षांत समारोह में पूर्व डीजी आईएएस राजीव माथुर जी, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जीडी शर्मा जी, श्रीमती डॉ साधना वाजपेयी जी, पं सुंदर लाल शर्मा के कुलपति प्रो वंश गोपाल सिंह, नंद कुमार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति पटेरिया जी, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय कुलपति प्रो अरुणा पल्टा जी आदि की विशेष उपस्थिति रही।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय ने तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन भव्य रूप से किया। समारोह में विश्वविद्यालय के नये कुलगीत का प्रथम बार वाद्ययंत्रों के साथ गायन किया गया साथ ही मंच सज्जा एवं प्रस्तुतीकरण छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति पर आधारित रही। दीक्षांत समारोह के समापन में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय ने माननीय राज्यपाल एवं मंचस्थ समस्त विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव महोदय ने सभी माननीय अतिथियों का आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।

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