रॉयल कॉलेज ओफ़ मिड वाइव्ज़ की प्रमुख ने आज उन परिवारों से माफ़ी माँगी : जो उनकी उस ग़लत नीति एवं कैम्पेन का शिकार हुए, जिसमें कहा गया था की प्रसूता के लिए होना चाहिए सीजेरियन अंतिम विकल्प
रॉयल कॉलेज ओफ़ मिड वाइव्ज़ की प्रमुख ने आज उन परिवारों से माफ़ी माँगी : जो उनकी उस ग़लत नीति एवं कैम्पेन का शिकार हुए, जिसमें कहा गया था की प्रसूता के लिए होना चाहिए सीजेरियन अंतिम विकल्प
भुवन वर्मा बिलासपुर 8 मार्च 2022

इंग्लैंड । के रॉयल कॉलेज ओफ़ मिड वाइव्ज़ की प्रमुख ने आज उन परिवारों से माफ़ी माँगी है जो उनकी उस ग़लत नीति एवं कैम्पेन का शिकार हुए जिसमें कहा गया था की प्रसूता के लिए सीजेरियन अंतिम विकल्प होना चाहिए ।रॉयल कॉलेज की इस मुहिम में सामान्य प्रसव के लिए अंतिम समय तक प्रयास के लिए कहा गया था जिसे इंग्लैंड के बहुत से अस्पतालों में लागू किया ।
वर्ष 2008 में आरसीएम ने ये कैम्पेन शुरू की थी ताकि सीजेरियन ऑपरेशन कम से कम हों ।इस दौरान सैकड़ों शिशुओं और प्रसूताओं की मौत इस ग़लत नीति के कारण हुई और अब इसकी उच्च स्तरीय जाँच इंग्लैंड में चल रही है ।
भारत में भी डाक्टर्ज़ और हॉस्पिटाल्स पर अनावश्यक सीजेरियन के आरोप लगाना आम बात है और ये आरोप अक्सर वो लोग लगाते हैं जिनका मेडिकल साइन्स में ज्ञान लगभग शून्य होता है ।
पिछले पछत्तर सालों में हमारे चिकित्सकों ने मात्र मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर पर बहुत हद तक अंकुश लगाया है जिसमें समय पर किए सीजेरियन ऑपरेशन का भी प्रमुख योगदान है ।ग़लत नीतियाँ ,ग़लत धारणाएँ एवं अविश्वास कैसे बहुत से जीवन नष्ट कर सकता है इस तथ्य का प्रमाण है इंग्लैंड से आया ये समाचार ।
चिकित्सकों और अस्पतालों पर अनावश्यक सीजेरियन के आरोप लगाने से पहले इस रिपोर्ट को अवश्य पढ़ें व स्वयं निष्कर्ष निकालें।
https://www.thetimes.co.uk/article/top-midwife-says-sorry-for-lives-lost-to-normal-birth-drive-x6nkrxnpx

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