असली सैंटा हैं हमारे जवान: राशन से लेकर बीमार मरीजों को खाट में खुद लेकर पहुंचते हैं अस्पताल

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असली सैंटा हैं हमारे जवान: राशन से लेकर बीमार मरीजों को खाट में खुद लेकर पहुंचते हैं अस्पताल

भुवन वर्मा बिलासपुर 25 दिसंबर 2021

जगदलपुर ।आज पूरे विश्व में क्रिसमस की धूम है। यह त्योहार आते ही लोगों के मन में सबसे पहले सैंटा क्लॉज की तस्वीर सामने आती है। समाज में कुछ ऐसे कई लोग भी हैं, जो रियल जिंदगी में सैंटा बनकर पहुंच उनकी मदद कर रहे हैं। उनमें से एक हैं बस्तर में तैनात जवान। जो पूरे 365 दिन नक्सलगढ़ के ग्रामीणों के लिए तरह-तरह का उपहार स्वरूप मदद करने पहुंचते हैं।

बस्तर में सुरक्षा में तैनात जवान ग्रामीणों में के लिए असल जिंदगी के सैंटा हैं। जो अचानक पहुंचकर ग्रामीणों तक राशन, कपड़े, समेत जरूरत का सामान दे कर खुशियां बांटते हैं। बीमारी से जूझ रहे

मरीजों को एंबुलेंस नहीं मिलने पर खुद कंधे में उठाकर अस्पताल ले जाते हैं।

कैसे ग्रामीणों के असल सैंटा हैं….

कटेकल्याण में ट्रैक्टर तालाब में गिर गया था। इसमें 25 से 30 ग्रामीण सवार थे। इनमें कई ग्रामीणों की मौत हुई थी। कई ग्रामीण ट्राली के नीचे पानी में ही दबे हुए थे। इलाके में सर्चिंग पर निकले जवान यदि यहां नहीं पहुंचते तो और 15 से ज्यादा ग्रामीणों की मौत हो जाती। जवानों ने कई जिंदगी बचाई।

2 दिन पहले बस्तर में कड़ाके की ठंड पड़ी थी। इलाके के ग्रामीणों को ठंड से बचाने के लिए DRG के जवानों ने ग्रामीणों को गर्म कपड़े बांटे। ताकि कोई भी ग्रामीण ठंड की वजह से बीमार न हो।

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