वनकर्मियों के आतंकी कारनामे : मुर्गे-बकरे व रुपए नहीं दिए तो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों 22 पंडो परिवार के मकान तोड़े, परिवार हुये बेघर
वनकर्मियों के आतंकी कारनामे : मुर्गे-बकरे व रुपए नहीं दिए तो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों 22 पंडो परिवार के मकान तोड़े, परिवार हुये बेघर
भुवन वर्मा बिलासपुर 26 सितंबर 2021
बलरामपुर । जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक से 20 किलोमीटर दूर बैकुंठपुर गांव में वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने 22 पंडो जनजाति के लोगों के मकान को उजाड़ दिया और तोड़फोड़ कर ध्वस्त कर दिया। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्होंने रिश्वत में वन विभाग के कर्मचारियों को बकरा मुर्गा नहीं दिया।
पंडो जनजाति के लोगों ने बताया कि 20 साल पहले वे वन जमीन पर काबिज हुए और खेती कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। काबिज करने से लेकर अब तक उनसे वन विभाग के कर्मचारी 10 बकरा और 15 से मुर्गा रिश्वत के रूप में ले चुके हैं। इस बार भी बकरा मांगा, नहीं देने पर मकान तोड़ दिया। विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार बकरी और मुर्गी पालन करते हैं और यही उनकी आजीविका का साधन रहा है। पंडो जनजाति के अध्यक्ष उदय पंडो ने कहा पंडो जनजाति के पास रिश्वत देने पैसा नहीं होता है, इसलिए वन विभाग के लोग उनसे बकरा-मुर्गा लेते हैं।
इस बार मांग पूरी नहीं करने पर घर तोड़वा दिया है। इस पर पट्टा दिलाने और तोड़े गए मकानों को बनवाने और मकान तोड़ने व मारपीट करने वालों पर केस दर्ज करने मांग की गई है। बैकुंठपुर में करीब 40 एकड़ वन भूमि में 15-20 साल पहले से पंडो जनजाति के लोग जमीन पर काबिज हैं। दो साल पहले कच्चा मकान और झोपड़ी बनाकर यहां रह रहे थे। पंडो जनजाति के लोगों ने काबिज भूमि पर वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन भी दिया है, लेकिन उन्हें पट्टा नहीं मिला है। पूरा घटनाक्रम बताते पंडो जनजाति के लोग ने बताया पांच लोगों को पीटा सभी के मकान और झोपड़ी टूटने के बाद भी वहीं रह रहे पंडो जनजाति के लोग वहीं रह रहे हैं ।
About The Author




Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino bonus.