आधे समय मे पूरा होगा दिल्ली से मुंबई का सफर, एक्सीडेंट होने पर हेलिकॉप्टर एंबुलेंस की सुविधा – दुनिया के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे-लम्बाई 1380 किमी : मार्च 20 23 में होगा लोकार्पण
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आधे समय मे पूरा होगा दिल्ली से मुंबई का सफर, एक्सीडेंट होने पर हेलिकॉप्टर एंबुलेंस की सुविधा, दुनिया के सबसे बड़े एक्सप्रेस वे -लम्बाई 1380 किमी मार्च 20 23 में होगा लोकार्पण
भुवन वर्मा बिलासपुर 23 सितंबर 2021
दिल्ली । दिल्ली से मुंबई तक बन रहा ये एक्सप्रेस-वे भारत के साथ-साथ दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। आम लोगों के लिए मार्च 2023 तक देश को अपना सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे मिल सकता है। 16 सितंबर को मध्यप्रदेश के जावरा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस एक्सप्रेस-वे का स्पीड टेस्ट किया था। उन्होंने एक्सप्रेस-वे पर 170 किलोमीटर / घंटा की रफ्तार से अपनी गाड़ी को दौड़ाया था । 6 राज्यों से गुजर रहे इस एक्सप्रेस-वे को 4 सेक्शन में बांटा गया है। फिलहाल सभी सेक्शन पर तेज रफ्तार से काम चल रहा है। उम्मीद है कि 1380 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का काम मार्च 2023 तक पूरा हो सकता है।
समझिए एक्सप्रेस-वे की खासियत, आपको मिलने वाली सुविधाएं, किन राज्यों से एक्सप्रेस-वे गुजरेगा और किस तरह इसे बनाने में पर्यावरण का भी पूरा ख्याल रखा गया है…
150 किलोमीटर कम होगा
दिल्ली-मुंबई का सफर
दिल्ली से मुंबई जाने में 24 की जगह 12 घंटे लगेंगे।
एक्सप्रेस वे दिल्ली से मुंबई 1380 किलोमीटर लंबाई का होगा ।
इस एक्सप्रेस वे की मार्च 2019 में आधारशिला रखी गई।
98 हजार करोड़ लागत
120किलोमीटर/घटा की गति से मोटर कार चल सकती हैं ।
निम्नलिखित राज्यों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे का मार्ग हरियाणा-दिल्ली-राजस्थान-मध्यप्रदेश-गुजरात –
मुंबई हरियाणा 80 किलोमीटर
राजस्थान 380 किलोमीटर बड़े शहर: अलवर, भरतपुर,
मध्यप्रदेश 370 किलोमीटर बड़े शहर: मंदसौर, रतलाम,
झाबुआ
लागतः 11,110 करोड़ गुजरात किलोमीटर
300
दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी, कोटा लागत: 16,600 करोड़ लागत: 35,100 करोड़
बड़े शहर: दाहोद, वडोदरा,
भरूच, नवसारी, वलसाड़
जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन,
इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे शहरों को होगा फायदा।
ये सुविधाएं मिलेंगी?
ATM, होटल, फूड कोर्ट और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए
चार्जिंग पॉइंट
• एक्सीडेंट होने पर मदद के लिए हेलिकॉप्टर एंक्लेस पूरे एक्सप्रेस-वे पर एक भी
ट्रैफिक सिगनल नहीं होगा । हर 100 किलोमीटर पर ट्रामा सेंटर होगा ।
एक्सेस कंट्रोल हाईवे, यानी बीच में कोई क्रॉस नहीं कर सकेगा।
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