अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बड़े महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बड़े महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

भुवन वर्मा बिलासपुर 20 सितंबर 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

प्रयागराज – साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बड़े महंत नरेंद्र गिरि का अल्लापुर बाघम्बरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया। घटना की सूचना पर आईजी केपी सिंह सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार फोन के माध्यम से उनके एक शिष्य द्वारा इस घटना की सूचना दिये जाने पर पुलिस घटनास्थल पहुंची। कमरा सभी तरफ से बंद था , उनके कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है , जिसमें एक शिष्य पर मानसिक तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच होगी। फोरेंसिक टीम और डाग स्क्वायड घटनास्थल पहुंचकर मामले की जांच में जुटी हुई है। यह हत्या है या आत्महत्या इसके पीछे के कारणों का खुलासा समाचार लिखे जाने तक नही हो सका है। वहीं आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरी की षडयंत्र के तहत हत्या करने का आरोप लगाया है। इस खबर के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सदस्यों और साधु संतों सहित राजनीतिक दलों में भी शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा , केशव प्रसाद मौर्य , पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत , मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेताओं ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत पर दुख व्यक्त किया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि महंत नरेंद्र गिरिजी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है।
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि सनातन परंपरा के सभी 13 अखाड़ों की परिषद के अध्यक्ष थे , महामंडलेश्वर के चयन में भी उनकी अहम भूमिका रहती थी। हरिद्वार कुंभ के दौरान वे कोरोना से संक्रमित हो गये , हालांकि बाद में वे इससे रिकवर हो गये थे। बताते चलें कि संगम तट स्थित लेटे हनुमान मंदिर के महंत स्वामी नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य चर्चित योग गुरू आनंद गिरि के बीच पिछले दिनों विवाद सुर्खियों में रहा है। आनंद गिरि को अखाड़ा परिषद तथा मठ बाघंबरी गद्दी के पदाधिकारी के पद से निष्कासित कर दिया गया था। तब दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी किये थे , जिसमें तमाम साधु संत ने महंत नरेंद्र गिरि का समर्थन किया था। उस समय नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद गिरि माफी मांगे तब उनके बारे में कुछ सोचा जा सकता है। बाद में आनंद गिरि ने माफी मांग ली थी हालांकि उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया।महंत नरेंद्र गिरी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों व तीर्थ क्षेत्रों में मांस और शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाये जाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि धार्मिक स्थलों पर शराब और मांस की बिक्री बंद किये जाने के फैसले पर निश्चित तौर पर अमल भी कराया जायेगा , उस समय सभी साधु-संत ने भी उनका पुरजोर समर्थन किया।महंत नरेंद्र गिरी ने हाल ही में बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर भी निशाना साधा था। महंत नरेंद्र गिरि ने बड़ा बयान देते हुये कहा था कि तिलक- तराजू और तलवार का नारा देने वाली पार्टी सिर्फ सियासी फायदे के लिये ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। उन्होंने बीएसपी से सवाल पूछते हुये कहा था कि पहले जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अब कैसे सम्मान की बात याद आयी ?

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