कारगिल विजय दिवस आज : जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिये बलिदान कर दिया,अमर वीर शहीद जवानों को शत शत नमन

0
IMG-20210726-WA0045

कारगिल विजय दिवस आज : जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिये बलिदान कर दिया,अमर वीर शहीद जवानों को शत शत नमन

भुवन वर्मा बिलासपुर 26 जुलाई 2021

कलम आज उनकी जय बोल — अरविन्द तिवारी की कलम ✍️ से-

नई दिल्ली – आज 26 जुलाई को कारगिल का बाईसवाँ विजय दिवस है। आज महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कारगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पण करने का , जो हँसते-हँसते मातृभूमि की रक्षा करते हुये वीरगति को प्राप्त हुये। यह दिन समर्पित है उन्हें , जिन्होंने अपना आज हमारे कल के लिये बलिदान कर दिया। इन शहीदों ने भारतीय सेना की शौर्य व बलिदान की उस सर्वोच्च परम्परा का निर्वाह किया , जिसकी सौगन्ध हर सिपाही तिरंगे के समक्ष लेता है। इन रणबाँकुरों ने भी अपने परिजनों से वापस लौटकर आने का वादा किया था , जो उन्होंने निभाया भी , मगर उनके आने का अन्दाज निराला था। वे लौटे , मगर लकड़ी के ताबूत में। उसी तिरंगे मे लिपटे हुये , जिसकी रक्षा की सौगन्ध उन्होंने उठायी थी। जिस राष्ट्रध्वज के आगे कभी उनका माथा सम्मान से झुका होता था , वही तिरंगा मातृभूमि के इन बलिदानी जाँबाजों से लिपटकर उनकी गौरव गाथा का बखान कर रहा था। यह कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत के उपलक्ष्य में एवं शहीद हुये जवानों के सम्मान में प्रतिवर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है। बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों व पाक समर्थित आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंट्रोल यानी भारत-पाकिस्तान की वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर प्रवेश कर कई महत्वपूर्ण पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लेह-लद्दाख को भारत से जोड़ने वाली सड़क का नियंत्रण हासिल कर सियाचिन-ग्लेशियर पर भारत की स्थिति को कमजोर कर हमारी राष्ट्रीय अस्मिता के लिये खतरा पैदा कर रहे थे जिसके चलते यह युद्ध हुआ। लगभग अठारह हजार फीट ऊँचाई में बर्फीली चट्टानों के बीच पूरे दो महीने से ज्यादा चले इस युद्ध में भारतीय थलसेना व वायुसेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल पार ना करने के आदेश के बावजूद अपनी मातृभूमि में घुसे आक्रमणकारियों को मार भगाया था। स्वतंत्रता का अपना ही मूल्य होता है, जो वीरों के रक्त से चुकाया जाता है।वर्ष 1999 में मई से जुलाई तक चलने वाला यह युद्ध जम्मू कश्मीर के कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुआ था। पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कारगिल की पहाड़ियों पर अपना कब्जा जमा लिया था। इस युद्ध में 527 से भी ज्यादा भारतीय सैनिक पाकिस्तान के साथ लड़ाई में शहीद हुये थे वहीं लगभग 1300 से ज्यादा जवान घायल भी हुये थे। अन्त में 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाये गये ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। भारतीय सैनिकों ने यह जंग जीत कर कारगिल की चोटियों पर फिर से तिरंगा फहराया था। सभी कारगिल शहीदों ने जान की बाजी लगाकर ना केवल दुश्मनों को धुल चटाई थी , बल्कि रणक्षेत्र में उन्हें मार गिराने में भी कामयाब हुये थे। इनकी स्मृति में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। आज भी हम कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को याद कर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन करना नही भूलते। इन शहीदों के घर-आंगन में आज भी मायूसी है। परिजनों को वीर सपूतों के शहादत पर गर्व है , लेकिन उनको खोने का मलाल भी है। मातृभूमि पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं , मगर इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा- हमेशा के लिये बसी रहेंगी। आज कारगिल विजय दिवस पर हमारे आज के लिये शहीद होने वाले सभी अमर जवानों को पत्रकारिता जगत के अरविन्द तिवारी की तरफ से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि एवं शत शत नमन।
कलम ✍️ आज उनकी जय बोल।
चढ़ गये जो पुण्यवेदी पर , लिये बिना गर्दन का मोल ।
कलम ✍️ आज उनकी जय बोल ।।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *