कला परंपरा कला बिरादरी के 22 वां स्थापना दिवस एवं डॉ डीपी देशमुख जी के ६५ वें जन्म दिवस के अवसर पर वर्चुअल मिट : सदश्यो ने डॉ डी.पी.देशमुख को “पद्म श्री” सम्मान हेतु की मांग
कला परंपरा कला बिरादरी के 22 वां स्थापना दिवस एवं डॉ डीपी देशमुख जी के ६५ वें जन्म दिवस के अवसर पर वर्चुअल मिट : सदश्यो ने डॉ डी.पी.देशमुख को “पद्म श्री” सम्मान हेतु की मांग
भुवन वर्मा बिलासपुर 5 जुलाई 2021
भिलाई । कला परंपरा-कला बिरादरी संस्थान के प्रादेशिक अध्यक्ष डाॅ. डी.पी. देशमुख के 65 वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में एवं कला बिरादरी संस्थान के २२ वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन गूगलमीट कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि डॉक्टर विनय पाठक उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना से किया गया जिसे कवयित्री आशा आजाद “कृति” द्वारा प्रस्तुत किया गया इसके पश्चात कार्यक्रम के सभी अतिथियों का स्वागत करने हेतु स्वागत गीत कवि गया प्रसाद साहू”रतनपुरिहा”ने प्रस्तुत किया। आज के इस स्थापना दिवस एवं जन्म दिवस के विशेष कार्यक्रम में डॉ डीपी देशमुख जी के सानिध्य में छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न कलाकारों एवं साहित्यकारों को “कला परंपरा कला/साहित्य रत्न सम्मान पत्र प्रदान दिनांक- ०६ जुलाई/२०२१ को रात ८.०० बजे से गूगल मीट के द्वारा विभूषित किया जायेगा, जिसमें 11 सम्मान पत्र छत्तीसगढ़ के कलाकारों को दिया जायेगा एवं 11 सम्मान पत्र छत्तीसगढ़ प्रांत से विभिन्न साहित्यकारों तथा संस्थान के पदाधिकारियों को प्रदान किया जायेगा ।
सभी सम्मानीय कलाकारों एवं साहित्यकारों को मुख्य अतिथि डॉ विनय कुमार पाठक जी,पूर्व अध्यक्ष-राजभाषा आयोग छ.ग. द्वारा सम्मानित किया जायेगा |
*दिनांक-०१ जुलाई/२०२१ को आयोजित कार्यक्रम में कला परंपरा कला बिरादरी के 22 वां स्थापना दिवस एवं डॉ डीपी देशमुख जी के ६५ वें जन्म दिवस के अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि डाक्टर विनय कुमार पाठक जी ने कहा-"डाक्टर डी.पी. देशमुख जी ने अपने जीवन भर साहित्यकारों एवं लोककलाकारों के उत्थान हेतु तन-मन-धन न्योछावर करके निस्वार्थ भाव से काम किया है, साथ ही अपने स्वयं का लाखों रूपये लगाकर शिल्पकारों एवं अनेक विधा के कलाकारों की कृतियों का सम्मान करने एवं उन्हें उचित मूल्य प्रदान करने के लिए अपने निवास स्थान रिसाली (भिलाई) में "शिल्प एम्पोरियम " स्थापित किया है,जिससे कलाकारों के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है | इस महान पहल के लिए डाक्टर डी.पी. देशमुख जी साधुवाद के पात्र हैं | इसलिए उनके सेवा कार्य को दृष्टिगत रखते हुए "पद्मश्री सम्मान" से सम्मानित किया जाना चाहिए*
इस अवसर पर उपस्थित आद.देवी प्रसाद साहू, दिलीप कुमार टिकरिहा, दुर्गेश सिन्हा दुलरवा, डाक्टर राजेंद्र पाटकर, डॉ.राजेश सोनार , डॉक्टर सुधीर शर्मा,ओम प्रकाश साहू,”अंकुर” जी,आशा आजाद”कृति”, गया प्रसाद साहू “रतनपुरिहा”,,दिनेश पांडे जी ने समवेत स्वर में शासन से इस मांग का समर्थन किया है कि डॉ डीपी देशमुख जी द्वारा किए गए महान योगदान हेतु उन्हें “पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाना चाहिए,उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अपना तन मन धन देकर एक अमिट पहचान बनाई है एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न कलाकारों साहित्यकारों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है उनके द्वारा प्रकाशित की गई पुस्तकें छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन पूरे देश के लिए एक धरोहर के रूप में है उनके इस अमूल्य योगदान के लिए उन्हें “पद्मश्री सम्मान” प्रदान किया जाना ही चाहिए और यह मांग हमेशा शासन तक पहुँचाना एव मांग करना चाहिए
कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानीय कलाकारों एवं साहित्यकारों के उद्बोधन के पश्चात डॉ डीपी देशमुख जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आप सभी कविगणों एवं कलाकारों का मैं हृदय तल से आभार व्यक्त करता हूँ।
दिनांक-०१ जुलाई/२०२१ को कला परंपरा-कला बिरादरी संस्थान द्वारा घोषित २२ कलाकारों/साहित्यकारों को “कला/साहित्य रत्न” सम्मान दिनांक-०६.जुलाई/२०२१ (मंगलवार) को रात ८.०० बजे से आयोजित गूगल मीट आनलाईन कार्यक्रम में “सम्मान पत्र” प्रदान किया जायेगा |
यह जानकारी संस्थान के प्रादेशिक महासचिव-गया प्रसाद साहू “रतनपुरिहा” ने दी ।