प्रभारी मंत्री जी बिलासपुर में सबसे बड़ा कारोबार अवैध रेत खनन का है एक बार अरपा नदी की हालत देख लेवें: रेत माफियाओं को अफसरों का खौफ नही, बारिस में घाट बंद फिर भी कोनी, सेंदरी व आसपास के कई गांवों में अवैध रेत उत्खनन है जारी
प्रभारी मंत्री जी बिलासपुर में सबसे बड़ा कारोबार अवैध रेत खनन का है एक बार अरपा नदी की हालत देख लेवें: रेत माफियाओं को अफसरों का खौफ नही, बारिस में घाट बंद फिर भी कोनी, सेंदरी व आसपास के कई गांवों में अवैध रेत उत्खनन है जारी
भुवन वर्मा बिलासपुर 25 जून 2021
बिलासपुर । जयसिंह अग्रवाल प्रभारी मंत्री बने बाद प्रथम नगर आगमन आज हो रहा है नगर व बिलासपुर जिले के आमजन उन्हें अरपा जीवनदायिनी नदी की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित करना चाहती है । ज्ञात हो शासन ने जिले में 18 रेत खदानों को अनुमति दी है, लेकिन इससे लगभग दोगुना रेत खदान अफसरों की मेहरबानी से अवैध रूप से चल रहे हैं. अरपा में जगह-जगह जहाँ तह अवैध रूप से रेत खदान. संचालित हो रहे हैं. विधानसभा के हर सत्र में अवैध रेत उत्खनन का मुद्दा उठता है, लेकिन विभागीय अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती. स्थिति यह है ‘कि जहां शासन की अनुमति नहीं है, वहां भी अवैध रूप से रेत घाट चल रहा है.बता दें कि अरपा में अवैध खुदाई को लेकर लगी याचिका पर हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. बारिश के दौरान जहां सभी रेत घाट बंद हो गए हैं, लेकिन अरपा में कोनी, सेंदरी व आसपास के कई गांवों में अवैध रेत उत्खनन जारी है. रेत के कारोबार से जुड़े लोगों ने नदी में पानी होने के कारण किनारों पर खुदाई शुरू कर दी है. इससे नदी लगातार चौड़ी होती जा रही है और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. शहर से लगे कोनी, सेंदरी, कछार की तरफ रेत निकालने का सिलसिला अभी भी चल रहा है.
जहां शासन की अनुमति नहीं, वहां अवैध रूप से, चल रहा कारोबार,अफसरों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन खेल,,
लॉकडाउन में जोरों से चला अवैध कारोबार;-लॉकडाउन में रेत का अवैध कारोबार जोर-शोर से चला. रेत का अवैध कारोबार कर रहे लोगों को न तो जांच और कार्रवाई का डर ही नहीं था. उन्हें रोक-टोक करने वाला भी कोई नहीं था. निर्माण कार्यों के लिए रेत की जरूरत पड़ती है. इसका फायदा चंद लोग उठा रहे हैं. रेत माफिया बिलासपुर से लेकर पेंड्रा तक रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं और उनका कारोबार फल-फूल रहा है, लॉकडाउन में रेत के अवैध उत्खनन की जानकारी होने के बावजूद अधिकारियों ने रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.,,,,,
बंद होने के बाद भी कर रहे खुदाई…….शासन के आदेशानुसार 15 जून से रेत खदानें बंद हैं. पूरे बारिश के सीजन में खदानें बंद रहती हैं. इसके बावजूद भी अवैध तरीके से रेत का उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है. रेत माफियाओं को किसी का भय नहीं है……
यहां स्वीकृति नहीं फिर भी रेंत खदान मंगला, पाठबाबा, कोनी, सेंदरी, लोफंदी, कछार, डगनिया और परसदा में रेत घाट की स्वीकृति नहीं है, फिर भी यहां अवैध तरीके से घाट संचालित हो रहे हैं और प्रशासनिक अफसर मौन हैं. इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने बीत मार्च में विधानसभा सत्र में अवैध रेत खदान का मुद्दा उठाया था.
शहर में हो रहे निर्माण कार्यों में खपाई जा रही अवैध रेत,,,,,
सब मिले हुए-….रेत के इस अवैध धंधे में सिर्फ खनिज विभाग, बल्कि रेवेन्यू, पुलिस और गांवों के सरपंचों की साफ तौर पर मिलीभगत है. खनिज विभाग सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करता है. अधिकांश बड़े मामलों में कार्रवाई ही नहीं होती.