राहत भरी खबर…. 21 मई को किसानों को मिलेगी राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किश्त.. मंत्रिमंडलीय उप समिति ने की अनुशंसा..
राहत भरी खबर….21 मई को किसानों को मिलेगी राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किश्त.. मंत्रिमंडलीय उप समिति ने की अनुशंसा..
भुवन वर्मा बिलासपुर 07 मई 2021
रायपुर । कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में आज आयोजित मंत्रिमंडल की उपसमिति की वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से यह अनुशंसा की गई, कि राज्य के किसानों को गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत फसल उत्पादकता प्रोत्साहन राशि ( इनपुट सपोर्ट ) की पहली किस्त 21 मई 2021 को प्रदान की जाए। मंत्रिमंडलीय उप समिति कि इस अनुशंसा पर अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा।
बैठक में खरीफ 2021 में राजीव किसान न्याय योजना के दायरे को बढ़ाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वर्ष खरीफ सीजन 2021 में राज्य में धान , गन्ना, मक्का की खेती करने वाले किसानों के साथ-साथ दलहन, तिलहन ,कोदो -कुटकी, रागी ,रामतिल आदि की खेती करने वाले किसानों को भी इस योजना में लाभान्वित किया जाएगा । उन्हें खरीफ फसलों की खेती के लिए इनपुट सपोर्ट दिए जाने का प्रस्ताव कृषि विभाग द्वारा तैयार किया जाएगा, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर , शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम , खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त हो, इसको लेकर कई उपयोगी सुझाव दिए। बैठक में राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती एवं वानिकी को बढ़ावा दिए जाने के संबंध में भी चर्चा की गई।
गौरतलब है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के किसानों को फसल उत्पादक प्रोत्साहन राशि पिछले वर्ष चार किस्तों में दी गई थी । इस योजना का शुभारंभ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर 21 मई 2020 को किया गया था और राज्य के किसानों के खाते में प्रथम किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपए की अंतरित की गई थी। दूसरी किस्त की राशि 20 अगस्त को एवं तृतीय किस्त की राशि एक नवंबर राज्य स्थापना दिवस के मौके पर तथा चौथे किस्त की राशि 21मार्च 2021को जारी की गई थी । राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के किसानों को कुल चार किस्तों में 5627.89 करोड़ रुपए की राशि फसल उत्पादकता प्रोत्साहन (इनपुट सपोर्ट ) के रूप में प्रदाय की गई थी।