नये कृषि बिल से राजनीतिज्ञ दल आखिर टेंशन मे क्यों है…?-श्याम जी भाई पटेल
नये कृषि बिल से राजनीतिज्ञ दल आखिर टेंशन मे क्यों है—?-श्याम जी भाई पटेल
भुवन वर्मा बिलासपुर 21 दिसंबर 2020
बिलासपुर । श्याम जी भाई पटेल अंचल वरिष्ठ सामाजिक सदस्य व पूर्व पार्षद ने चर्चा के दौरान कहा की दुख इस बात का है कि जो नये कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं ।उन्हें ये भी पता नही की बिल में सार बात है क्या,,? आगे कहा कि नये किसान बिल से राजनीतिज्ञ दल क्यों टेंशन मे है,,,,?
इसकी सच्चाई को समझिए…
नये कृषि कानून मे कृषि उपज क्रय करने वाले व्यापारियों को अपना पेन नंबर तथा जीएसटी नंबर शासकीय कार्यालय में दर्ज कराना पड़ेगा।
प्रथम स्तर पर किये गये व्यापार पर (किसान एवं व्यापारी के बीच मे )जीएसटी नही लगेगा।
उसके बाद किये गये सभी व्यापार मे (व्यापारी से व्यापारी ) मे जीएसटी लगेगा।परिणाम स्वरूप कृषि उपज की आवक एवं विक्रय सरकारी रिकार्ड में आयेगा।
किसान को हमेशा के लिये आयकर एवं जीएसटी सिस्टम से मुक्त रखा है।
कृषि उपज के विक्रय पर व्यापारियों को जीएसटी एवं आयकर जमा करना पड़ेगा।
“परेशानी यहाँ से प्रारम्भ होगी”
ब्लेक मनी को वाईट मनी करने वाले चिदंबरम जैसे अपनी सब्जियों को करोड़ो रुपयों मे- व्यापारियों को बेचते है , तो उन्हें आयकर से मुक्ती मिलेगी परंतु उन्हें अपने आयकर रिटर्न मे खरीदने वाले व्यापारी का पेन नंबर लिखना पड़ेगा।
सब्जियों को क्रय करने वाले व्यापारी को होने वाली आय पर आयकर ऐवं जीएसटी पटाना – पडेगा।
अब कल्पना करो कि कोई सब्जियां नही है । उसके बदले ब्लेक मनी है , स्वाभाविक है कि क्रय करने वाले व्यापारी को आयकर एवम जीएसटी अपने घर से भरना पड़ेगा।
नये कृषि बिल से असली किसान जिनका अनाज का उत्पादन होता होगा इस झंझट से मुक्त होगा।
अब आप समझ गये होंगे कि नये कृषि बिल का विरोध करने वाले आन्दोलन कारीयो एवं राजनीति करने वाले असली किसानों मे भ्रम फैला रहे है।
आज इस बात को आम जन को समझ होगा वास्विकता क्या है,,,,,?
१. कृषि उपज व्यापार ऐवं वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम – २०२०
२. कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण कीमत आस्वासन और सेवा पर करार अधिनियम – २०२०
३. आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अधिनियम – २०२०